फार्म हाऊस तोड़ने पर कोर्ट की रोक ।

नोएडा में यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बसाए गए अवैध फार्म हाउसों को हाईकोर्ट ने 20 दिनों की मोहलत दी है। एक एसोसिएशन के जरिए कई फार्म हाउस मालिक नोएडा प्राधिकरण की तोड़फोड़ के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। जस्टिस एमके गुप्ता और समीर जैन की पीठ ने सुनवाई की। अदालत ने प्राधिकरण को 10 दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके 10 दिन बाद याची गण अपना प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे। इस दौरान फार्म हाउस नहीं तोड़े जाएंगे।प्राधिकरण ने 29 जून 2013 को यमुना के डूब क्षेत्र में फार्म हाउस तोड़ने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था, जिसमें अदालत ने प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वे ऑर्डर आने के 15 दिनों में फार्म हाउस मालिकों के ऑब्जेक्शन को सुने। करीब 100 लोगों के मामलों का निस्तारण किया गया और फार्म हाउसों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को रोक दिया गया था। अदालत का ये ऑर्डर 16 जुलाई 2013 को आया था। इस बार भी याचिकाकर्ताओं ने प्राधिकरण के सार्वजनिक नोटिस को आधार बनाकर अदालत में याचिका दायर की थी। 119 फार्म हाउसों को अब तक ध्वस्त किया जा चुका है । नोएडा प्राधिकरण का फार्म हाउसों के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत डूब क्षेत्र में एक हजार से अधिक फार्म हाउस चिन्हित किए गये हैं। उनमें से 119 को प्राधिकरण की टीम ध्वस्त कर चुकी है। फार्म हाउस मालिकों ने इस अभियान के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।गर्मी की छुट्टी होने के बाद भी हुई सुनवाईगर्मी के अवकाश होने के बावजूद इन लोगों ने मामले में अत्यावश्यक बताया, जिस पर मंगलवार को अदालत ने प्राधिकरण को 10 दिनों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके 10 दिन बाद याची गण अपना प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे। इस दौरान प्राधिकरण इन फार्म हाउसों का ध्वस्तीकरण नहीं करेगा।