महिला उद्यमी के साथ मारपीट , अपहरण करने की कोशिश ; 2 महीने बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं

गौतमबुद्ध नगर । सूरजपुर थाना छेत्र के अंतर्गत एक महिला उद्यमी और उनकी कम्पनी के स्टाफ के साथ मारपीट , अपहरण की घटना सामने आयी है, जिसमे गौतमबुद्ध नगर पुलिस द्वारा घटना के 2 माह बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी है ।
जानकारी के अनुसार सूरजपुर इंडस्ट्रियल एरिया में दीपक गौर नाम के व्यक्ति ने अपनी UPSIDC में स्थित फैक्ट्री को Rs.350,000.00 महीने पर Shail Green Energy की डायरेक्टर मुनमुन सिंह को किराये पर दिया ।

मल्टी लेवल पार्किंग बनाने का करती है कार्य

महिला उद्यमी की कम्पनी मल्टी लेवल पार्किंग बनाने का कार्य करती है । पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ कम्पनी ही ऑटोमेटेड मल्टी लेवल पार्किंग बनाने का कार्य करती है। डायरेक्टर मुनमुन सिंह ने बताया की उनके द्वारा फैक्ट्री मालिक को दो महीने की सिक्योरिटी और एक महीने का एडवांस रेंट व कुल सत्रह लाख रुपया दिया गया । जिसके बाद फैक्ट्री मालिक ने एक महीने बाद ही किरायेदार को परेशान करना शुरू कर दिया और १ मार्च २०२४ को गुंडे बुलाकर कम्पनी के स्टाफ के साथ हाथापाई की और कम्पनी में नहीं घुसने दिया और कम्पनी की डायरेक्टर मुनमुन सिंह के साथ भी गाली गलोच करी ।

मारपीट व गाली गलोच की घटना में कम्पनी की डायरेक्टर के माथे पर और आँख पर भी चोट आयी है पूरी घटना का वीडियो भी पीड़िता द्वारा पुलिस को दिया भी गया । इसके बावजूद जब पीड़िता द्वारा पुलिस को बुलाया गया तो सूरजपुर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की और 65 हज़ार रूपये की मांग की जो की पीड़िता द्वारा पुलिस को दे दिया गया ।

इसके बावजूद भी जब कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी तो पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से संपर्क किया गया और सारी बात बताई । यह सुनने के बाद पीड़िता को Rs.15000.00 रूपये वापस दिलाये गए है एवं Rs. 50,000.00 रूपये अभी भी पुलिस के पास ही है साथ की पुलिस कमिश्नर और डी सी पी सुनीति द्वारा जांच का आश्वाशन दिया गया ।

योगी सरकार में कानून व्यवस्तता फेल

परन्तु घटना के ढाई महीने बीतने के बाद भी पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध मारपीट करने और गाली गलोच करने के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
वही महिला उद्यमी इस घटना से सेहमी हुई है । उनका कहना है की योगी सरकार की नीतियों को सुनकर उन्होंने गौतमबुद्ध नगर में अपना उद्योग लगाने की सोची थी परन्तु गौतमबुद्ध नगर में कानून व्यवस्तता फेल हो चुकी है और शीघ्र ही अगर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है तो वह अपना व्यवसाय किसी अन्य प्रदेश में पलायन कर जाएँगी

पुलिस करती है पैसे की खुली मांग
जो लोग पुलिस के पास शिकायत ले कर जाते है उनसे रूपये की मांग की जाती है , आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है ।
ज्ञात हो की गौतमबुद्ध नगर में पिछले कुछ समय से क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है । जिसमे पुलिस कस्टडी में युवक की मौत हुई थी और परिजनों ने पुलिस पर 5 लाख रूपये मांगने का आरोप लगाया था ।

एक बच्चे का अगवा कर हत्या की गयी और ऐसे अनेक मामले है जिसमे पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कोई रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की जाती है । गौतमबुद्ध नगर पुलिस पूरा ध्यान हर मामले में या तो पीड़ित अथवा आरोपी से पैसा वसूलने पर लगा रहता है ।

उक्त घटना के दो माह बीत चुके है जिसमे गौतमबुद्ध नगर पुलिस द्वारा घटना के २ माह बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी है सिर्फ जांच की बात बोलकर पीड़िता को टरका दिया जाता है।