यमुना फ्लैट आवंटियों का भविष्य अधर में , दस साल से बने फ्लैट हुए जर्जर

रिहायश होने में लगेंगे कई साल, रीसेल में फ्लैट का खरीदार नहीं

गौतमबुद्ध नगर । यमुना अथॉरिटी द्वारा सेक्टर २२ डी में 2013 में बहुमजिला फ्लैट की स्कीम निकाली गयी थी । उक्त स्कीम में 5000 के करीब बहुमंजिला फ्लैट जिनका साइज 29 मीटर , 54 मीटर व 99 मीटर के निर्मित करे गए थे ।

दस साल बीत जाने के पश्चात भी आज तक इन फ्लैटों का विकास कार्य नहीं हो पाया है ना तो सड़के बनी है एवं ना ही किसी तरह के ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था है । सेक्टर के चारो और झाडिया उगी है । ऐसे हालत में वहां किसी भी प्रकार की रिहायश होना बहुत मुश्किल है ।

 वही दूसरी तरफ सेक्टर के बिलकुल नजदीक ही गांव की रिहायश होने से भी लोगो में इन फ्लैट को खरीदने में किसी भी प्रकार की रूचि नहीं है ।

सभी निर्मित फ्लैट दस साल पुराने होने के कारण छत विछत हो चुके है । फ्लैट की कीमत के गलत आंकलन के कारण आवंटियों को भरी मुकसान उठाना पड़ रह रहा है ।

अगर दस साल पहले फ्लैट की कीमत जितनी राशि फिक्स्ड डिपाजिट भी कराई होती तो भी आवंटियों ज्यादा मुनाफे में रहते ।

जहाँ ग्रेटर नोएडा जैसे शहर में पूरी तरह की बसापत वाले सेक्टर में अथॉरिटी की आवासीय योजना के फ्लैट की वह कीमत नहीं है जो की यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे फ्लैट में रखी गयी थी ।

ग्रेटर नोएडा में 29 मीटर के फ्लैट की कीमत काफी कम है । जबकि ग्रेटर नोएडा पूरी तरह से डेवलप्ड हो चुका है , ट्रांसपोर्टेशन के लिए मेट्रो , बस रिक्शा आदि की समुचित व्यवस्थता है ।  आस पास माल और मार्किट भी बन चुकी है । वही दूसरी तरफ यमुना अथॉरिटी के सेक्टर २२ डी के आसपास किसी प्रकार की कोई मार्किट , माल , यातायात , सड़क इत्यादि की कोई व्यवस्थ्ता नहीं है । ये सब यमुना अथॉरिटी द्वारा भविष्य के लिए प्रस्तावित है ।  यमुना अथॉरिटी के आवासीय एवं इंडस्ट्रियल सेक्टर देखकर अंदाज़ा हो रहा की वह पर अभी किसी भी प्रकार की रहने लायक व्यवस्थता होने में दस साल का समय लगेगा ।

ज्यादातर आवंटियों ने यमुना अथॉरिटी में इन्वेस्टमेंट को ध्यान में रखकर अप्लाई किया था । परन्तु फ्लैट आवंटियों का यह निर्णय गलत साबित हुआ  आज से 10 साल पहले निवेश के माध्यम से जिन लोगो ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में निवेश किया था, उनकी कीमत दुगनी हो चुकी है । परन्तु यमुना अथॉरिटी के ख़ास तौर से  29 मीटर फ्लैट की कीमत जस की तस हैऔर कम भी हो गयी है , री सेल मार्किट में उक्त फ्लैट का कोई खरीदार नहीं है ।

रियल एस्टेट स्पेशलिस्ट बुल्सप्रॉपर्टी के मुताबिक यमुना अथॉरिटी में रहने के हिसाब से अभी 7-8 साल का समय लगेगा । यमुना अथॉरिटी के सेक्टर्स में अभी यातायात की सुविधा नहीं है , ना ही पूरी तरह से सड़के बनी है , सड़को के चारो तरफ झाडिया , पेड़ उगे हुए जिससे जंगली जानवर आदि का भी अंदेशा रहता है । गहन समस्या यह है की यमुना अथॉरिटी के बनाये हुए मकान पहले से ही दस साल से बने हुए है जिनमे बहुत ज्यादा टूट फूट और सीलन आयी हुई है और आने वाले समय में हालत और खराब होने का अंदेशा है ।

रहने के लिहाज़ से यमुना अथॉरिटी अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है । तो जो लोग अपने मकान बेचना चाह रहे है उनके लिए यह बिलकुल उचित समय है । जो भी कीमत इस समय निवेशक को मिल रही है उसे पैसे यहाँ से निकालकर दूसरी जगह इन्वेक्सट कर देने चाहिए । बैंक में भी ब्याज दर बढ़ चुकी है । जिसके अलावा दिल्ली में भी पहले आओ के आधार पर डीडी ऐ की फ्लैट योजना चल रही है साथ ही ग्रेटर नोएडा में भी इस समय फ्लैट की स्कीम चल रही है जहाँ निवेशक को ज्यादा मुनाफा प्राप्त होगा ।